ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 28 दिसंबर वर्ष का 362 वाँ (लीप वर्ष में यह 363 वाँ) दिन है। साल में अभी और 3 दिन शेष हैं।
*28 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ*
1896- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में पहली बार बन्दे मातरम् गाया गया।
1926- इंपिरियल एयरवेज ने भारत और इंग्लैंड के बीच यात्री और डाक सेवा शुरू की।
1928- कोलकाता में पहली बार बोलती फ़िल्म मेलोडी ऑफ लव प्रदर्शित हुई।
1995 - पोलैंड के अन्वेषक मारके कार्मिस्की एक ही वर्ष में उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर झंडा फहराने वाले पहले व्यक्ति बने, विश्व सिनेमा का दूसरी सदी में प्रवेश।
2002 - मशहूर फ़ैशन फ़ोटोग्राफ़र हर्वे रिट्स का लास एंजेल्स में निधन।
2003 - इस्रायल ने कज़ाकिस्तान के बैंकानूर अंतरिक्ष स्टेशन से दूसरा वाणिज्य उपग्रह छोड़ा।
2007 - रूस ने ईरान के बुशेहर विद्युत संयंत्र के लिए परमाणु ईधन की दूसरी खेप खेप भेजी।
2008- अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार प्रो. सुरेश वात्स्यायन का निधन हो गया।
*28 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति*
1937 - रतन टाटा, भारतीय उद्योगपति
1952 - अरुण जेटली, भारतीय राजनेता
1932 - धीरूभाई अंबानी - भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति थे।
1900 - गजानन त्र्यंबक माडखोलकर - मराठी उपन्यासकार, आलोचक तथा पत्रकार थे।
*28 दिसंबर को हुए निधन*
1972 - चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक
1977 - सुमित्रानंदन पंत, हिन्दी कवि
1974 - हीरा लाल शास्त्री - प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री।
1940 - सुन्दरलाल शर्मा - बहुमुखी प्रतिभा के धनी, सामाजिक क्रांति के अग्रदूत तथा छत्तीसगढ़ राज्य में जन जागरणकर्ता थे।
*28 दिसंबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव*
केन्द्रीय आरक्षी *पुलिस दिवस*
*चक्रवर्ती राजगोपालाचारी*
पूरा नाम::
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
अन्य नाम::राजाजी
जन्म:;10 दिसंबर, 1878
जन्म भूमि::मद्रास
मृत्यु;;28 दिसम्बर, 1972
अभिभावक:;श्री नलिन चक्रवर्ती
नागरिकता::भारतीय
प्रसिद्धि:;स्वतन्त्रता सेनानी, क्रान्तिकारी, पत्रकार, समाजसुधारक, शिक्षा विशेषज्ञ
पार्टी:;कांग्रेस
पद;;भूतपूर्व उद्योग मंत्री, मद्रास के मुख्यमंत्री, बंगाल के राज्यपाल
शिक्षा:;वकालत
विद्यालय::प्रेसीडेंसी कॉलेज मद्रास
भाषा::हिन्दी, तमिल और अंग्रेज़ी
पुरस्कार-उपाधि:;भारत रत्न
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
Chakravarti Rajagopalachari, जन्म: 10
दिसंबर, 1878 - मृत्यु: 28 दिसम्बर, 1972) भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे जो राजाजी के नाम से भी जाने जाते हैं। राजगोपालाचारी वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे।
वे स्वतन्त्र भारत के द्वितीय गवर्नर जनरल और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल थे।
अपने अद्भुत और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण 'राजाजी' के नाम से प्रसिद्ध महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, गांधीवादी राजनीतिज्ञ चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को आधुनिक भारत के इतिहास का 'चाणक्य' माना जाता है।
राजगोपालाचारी जी की बुद्धि चातुर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे अनेक उच्चकोटि के कांग्रेसी नेता भी उनकी प्रशंसा करते नहीं अघाते थे।
*असहयोग आन्दोलन*
1930 - 31 में असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ किया गया। चक्रवर्ती ने इस आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। वह जेल भी गये, किंतु कुछ मुद्दों पर वे कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं के विरोध में निडरता से आ खड़े हुए। वह अपने सिद्धांतों के आगे किसी से भी किसी प्रकार के समझौते के लिए तैयार नहीं होते थे। वह अकारण ही अपने सिद्धांतों पर नहीं अड़ते थे, प्राय: जिन मसलों पर अन्य नेतागण उनका विरोध करते थे, बाद में वे सहज रूप से उन्हीं मसलों पर राजा जी के दृष्टिकोण से सहमत हो जाते थे। चक्रवर्ती जी की सूझबूझ और राजनीतिक कुशलता का उदाहरण देखने को मिलता है, जब 1931 -32 में हरिजनों के पृथक मताधिकार को लेकर गाँधी जी और भीमराव अंबेडकर के बीच मतभेद उत्पन्न हो गये थे। एक ओर जहाँ गाँधी जी इस संदर्भ में अनशन पर बैठ गये थे, वहीं अंबेडकर भी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। उस समय चक्रवर्ती ने उन दोंनों के बीच बड़ी ही चतुराई से समझौता कराकर विवाद को शांत कराया था।
*28 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ*
1896- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में पहली बार बन्दे मातरम् गाया गया।
1926- इंपिरियल एयरवेज ने भारत और इंग्लैंड के बीच यात्री और डाक सेवा शुरू की।
1928- कोलकाता में पहली बार बोलती फ़िल्म मेलोडी ऑफ लव प्रदर्शित हुई।
1995 - पोलैंड के अन्वेषक मारके कार्मिस्की एक ही वर्ष में उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर झंडा फहराने वाले पहले व्यक्ति बने, विश्व सिनेमा का दूसरी सदी में प्रवेश।
2002 - मशहूर फ़ैशन फ़ोटोग्राफ़र हर्वे रिट्स का लास एंजेल्स में निधन।
2003 - इस्रायल ने कज़ाकिस्तान के बैंकानूर अंतरिक्ष स्टेशन से दूसरा वाणिज्य उपग्रह छोड़ा।
2007 - रूस ने ईरान के बुशेहर विद्युत संयंत्र के लिए परमाणु ईधन की दूसरी खेप खेप भेजी।
2008- अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार प्रो. सुरेश वात्स्यायन का निधन हो गया।
*28 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति*
1937 - रतन टाटा, भारतीय उद्योगपति
1952 - अरुण जेटली, भारतीय राजनेता
1932 - धीरूभाई अंबानी - भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति थे।
1900 - गजानन त्र्यंबक माडखोलकर - मराठी उपन्यासकार, आलोचक तथा पत्रकार थे।
*28 दिसंबर को हुए निधन*
1972 - चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक
1977 - सुमित्रानंदन पंत, हिन्दी कवि
1974 - हीरा लाल शास्त्री - प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ तथा राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री।
1940 - सुन्दरलाल शर्मा - बहुमुखी प्रतिभा के धनी, सामाजिक क्रांति के अग्रदूत तथा छत्तीसगढ़ राज्य में जन जागरणकर्ता थे।
*28 दिसंबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव*
केन्द्रीय आरक्षी *पुलिस दिवस*
*चक्रवर्ती राजगोपालाचारी*
पूरा नाम::
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
अन्य नाम::राजाजी
जन्म:;10 दिसंबर, 1878
जन्म भूमि::मद्रास
मृत्यु;;28 दिसम्बर, 1972
अभिभावक:;श्री नलिन चक्रवर्ती
नागरिकता::भारतीय
प्रसिद्धि:;स्वतन्त्रता सेनानी, क्रान्तिकारी, पत्रकार, समाजसुधारक, शिक्षा विशेषज्ञ
पार्टी:;कांग्रेस
पद;;भूतपूर्व उद्योग मंत्री, मद्रास के मुख्यमंत्री, बंगाल के राज्यपाल
शिक्षा:;वकालत
विद्यालय::प्रेसीडेंसी कॉलेज मद्रास
भाषा::हिन्दी, तमिल और अंग्रेज़ी
पुरस्कार-उपाधि:;भारत रत्न
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
Chakravarti Rajagopalachari, जन्म: 10
दिसंबर, 1878 - मृत्यु: 28 दिसम्बर, 1972) भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे जो राजाजी के नाम से भी जाने जाते हैं। राजगोपालाचारी वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे।
वे स्वतन्त्र भारत के द्वितीय गवर्नर जनरल और प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल थे।
अपने अद्भुत और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण 'राजाजी' के नाम से प्रसिद्ध महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक, गांधीवादी राजनीतिज्ञ चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को आधुनिक भारत के इतिहास का 'चाणक्य' माना जाता है।
राजगोपालाचारी जी की बुद्धि चातुर्य और दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और सरदार पटेल जैसे अनेक उच्चकोटि के कांग्रेसी नेता भी उनकी प्रशंसा करते नहीं अघाते थे।
*असहयोग आन्दोलन*
1930 - 31 में असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ किया गया। चक्रवर्ती ने इस आन्दोलन में बढ़ चढ़ कर भाग लिया। वह जेल भी गये, किंतु कुछ मुद्दों पर वे कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं के विरोध में निडरता से आ खड़े हुए। वह अपने सिद्धांतों के आगे किसी से भी किसी प्रकार के समझौते के लिए तैयार नहीं होते थे। वह अकारण ही अपने सिद्धांतों पर नहीं अड़ते थे, प्राय: जिन मसलों पर अन्य नेतागण उनका विरोध करते थे, बाद में वे सहज रूप से उन्हीं मसलों पर राजा जी के दृष्टिकोण से सहमत हो जाते थे। चक्रवर्ती जी की सूझबूझ और राजनीतिक कुशलता का उदाहरण देखने को मिलता है, जब 1931 -32 में हरिजनों के पृथक मताधिकार को लेकर गाँधी जी और भीमराव अंबेडकर के बीच मतभेद उत्पन्न हो गये थे। एक ओर जहाँ गाँधी जी इस संदर्भ में अनशन पर बैठ गये थे, वहीं अंबेडकर भी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। उस समय चक्रवर्ती ने उन दोंनों के बीच बड़ी ही चतुराई से समझौता कराकर विवाद को शांत कराया था।
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