आज का इतिहास
*25 दिसंबर*
ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 25 दिसंबर वर्ष का 359 वाँ (लीप वर्ष में यह 360 वाँ) दिन है। साल में अभी और 6 दिन शेष हैं।
*25 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ*
1977 - हालीवुड के प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता चार्ली चैपलिन का निधन।
1991 - राष्ट्रपति मिखाइल एस. गोर्बाचोव के त्यागपत्र के साथ ही सोवियत संघ का विभाजन एवं उसका अस्तित्व समाप्त।
1998 - रूस एवं बेलारूस द्वारा एक संयुक्त संघ बनाये जाने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर।
2002 - चीन और बांग्लादेश के बीच रक्षा समझौता।
2005 - मारीशस में 400 वर्ष पूर्व विलुप्त 'डोडो' पक्षी का दो हज़ार वर्ष पुराना अवशेष मिला।
2007 - कनाडा के प्रसिद्ध जॉज पियानोवादक और संगीतकार आस्कर पीटरसन का निधन।
*2008- भारत के द्वारा अंतरिक्ष में भेजे गये चन्द्रयान-1 के 11 में से एक पेलोडर्स ने चन्द्रमा की नई तस्वीर भेजी।*
*25 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति*
1861 - मदनमोहन मालवीय - महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद और एक बड़े समाज सुधारक भी थे।
1872 - गंगानाथ झा - संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित, जिन्होंने हिन्दी, अंग्रेज़ी और मैथिली भाषा में दार्शनिक विषयों पर उच्च कोटि के मौलिक ग्रन्थों की रचना की।
1876 - *मुहम्मद अली जिन्ना* - ब्रिटिशकालीन भारत के प्रमुख नेता और 'मुस्लिम लीग' के अध्यक्ष।
1923 - धर्मवीर भारती, हिन्दी साहित्यकार का जन्म प्रयाग में।
1924 - *अटल बिहारी वाजपेयी - भारत के दसवें प्रधानमंत्री*।
1927 - राम नारायण1978 - मनोज कुमार चौधरी, सेप कोन्सुल्तंत इंजिनियर का जन्म प्रयाग (इलाहाबाद) में हुआ।
1919 - नौशाद, प्रसिद्ध संगीतकार
1944 - मणि कौल, फ़िल्म निर्देशक
1925 - सतीश गुजराल, प्रसिद्ध चित्रकार
1880 - मुख़्तार अहमद अंसारी - एक प्रसिद्ध चिकित्सक, प्रसिद्ध राष्ट्रवादी मुस्लिम नेता, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लिया।
*25 दिसंबर को हुए निधन*
2015 - साधना - भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री।
1994 - ज्ञानी ज़ैल सिंह - भारत के भू.पू. राष्ट्रपति।
2011 -सत्यदेव दुबे- नाटककार, पटकथा लेखक, फ़िल्म व नाट्य निर्देशक
1846 - स्वाति तिरुनल - त्रावणकोर, केरल के महाराजा तथा दक्षिण भारतीय कर्नाटक संगीत परंपरा के सर्वोत्कृष्ट संगीतज्ञों में से एक।
*25 दिसंबर के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव*
क्रिसमस - यह ईसाई धर्म का एक उत्सव है, जो 24 दिसंबर की पूर्वसंध्या पर आरंभ होता है।
📚📚सुशासन दिवस📕
विवरण::
'सुशासन दिवस' भारत के महत्त्वपूर्ण दिवसों में से एक है।
*यह दिवस पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।*
तिथि::25 दिसम्बर
शुरुआत::2014
उद्देश्य::
सरकारी प्रक्रिया को व्यवहारिक बनाकर देश में एक "खुला और जवाबदेह प्रशासन" प्रदान करने के लिए।
अन्य जानकारी::
*इस दिन स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थी कई गतिविधियों में भाग लेते हैं, जैसे: निबंध लेखन प्रतियोगिता, वाद-विवाद, समूह चर्चा, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, खेल आदि।*
अद्यतन::03:06, 15 नवम्बर-2016 (IST)
*उद्देश्य*
अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन सुशासन दिवस के रूप में बहुत-से उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये घोषित किया गया है-
📕📕📕
सरकारी प्रक्रिया को व्यवहारिक बनाकर देश में एक "खुला और जवाबदेह प्रशासन" प्रदान करने के लिए।
देश में एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन मुहैया कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए मनाया जाता है।
यह भारत में आम नागरिकों के कल्याण और भलाई को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
सरकार के कामकाज के मानकीकरण के साथ-साथ यह भारतीय लोगों के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और जवाबदेह शासन के लिए मनाया जाता है।
यह भारत में सुशासन के एक मिशन को पूरा करने के लिए अच्छी और प्रभावी नीतियों को लागू करने के लिए मनाया जाता है।
यह सरकारी अधिकारियों को आंतरिक प्रक्रियाओं और उनके काम के लिये प्रतिबद्ध करने के लिये मनाया जाता है।
सुशासन के माध्यम से देश में वृद्धि और विकास को बढ़ाने के लिए।
नागरिकों को सरकार के करीब लाकर सुशासन की प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय भागीदार बनाने के लिए।
🇮🇳 *मदनमोहन मालवीय*🇮🇳
📕📕📕📕
पूरा नाम::
*पंडित महामना मदनमोहन मालवीय*
जन्म::25 दिसम्बर, 1861
जन्म भूमि::इलाहाबाद
मृत्यु::12 नवम्बर, 1946
मृत्यु स्थान::इलाहाबाद
अभिभावक;;ब्रजनाथ और भूनादेवीपति/
पत्नी::कुन्दन देवी
नागरिकता::भारतीय
प्रसिद्धि::समाज सुधारक
पार्टी;;;कांग्रेस
पद::कांग्रेस के अध्यक्ष
शिक्षा;::एफ.ए., बी.ए., वक़ालत
विद्यालयश्री धर्मज्ञानोपदेश पाठशाला, इलाहाबाद ज़िला स्कूल, म्योर सेंट्रल कॉलेज
भाषा::हिंदी
पुरस्कार-उपाधि'::
*भारत रत्न' (24 दिसम्बर, 2014)*
विशेष योगदान::काशी हिन्दू *विश्वविद्यालय की स्थापना, हिन्दी भाषा का विकास, शिक्षा का विकासकर्मक्षेत्रशिक्षक, वकील, सम्पादक, समाज सुधारक, नेता, स्वतंत्रता*
सेनानीरचनाए::
*अभ्युदय, लीडर, हिन्दुस्तान टाइम्स, मर्यादा, सनातन धर्म-संग्रह*
*संक्षिप्त परिचय*
बहुआयामी व्यक्तित्व।
शिक्षाविद।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीरचयू) के संस्थापक।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी।
हिन्दू महासभा के नेता।
*25 दिसम्बर, 1861 को इलाहाबाद में जन्म।*
इलाहाबाद डिस्ट्रिक्ट स्कूल में शिक्षा के रूप में करियर शुरू करने के साथ पढ़ाई जारी रखी।
*वकालत की पढ़ाई करने के बाद पहले ज़िला और बाद में हाई कोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की।*
1886 में नवगाठित कांग्रेस के कोलकाता में आयोजित दूसरे वार्षिक सत्र में प्रेरणादायक भाषण देकर राजनीतिक परिदृश्य में उभरे।50 वर्षों तक कांग्रेस में सक्रिय रहे।
*1909 (लाहौर), 1918 (दिल्ली), 1930 (दिल्ली) और 1932 (कोलकाता) में कांग्रेस अध्यक्ष रहे।स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान उदारवादियों और राष्ट्रवादियों के बीच सेतु का काम किया।*
1930 में जब गांधी जी ने नमक सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया तो मदनमोहन मालवीय ने उसमें हिस्सा लिया और जेल गए।50वीं वर्षगांठ पर देश सेवा के लिए वकालत छोड़ने का फैसला लिया।
1909 में इलाहाबाद से प्रभावी अंग्रेज़ी अखबार 'द लीडर' शुरू किया।
1903-18 के दौरान प्रांतीय विधायी परिषद और 1910-20 तक केंद्रीय परिषद के सदस्य रहे।
1916-18 के दौरान भारतीय विधायी सभा के निर्वाचित सदस्य रहे।
1931 में दूसरे गोलमेज़ सम्मेलन द्वितीय में हिस्सा लिया
1937 में राजनीति से सन्न्यास लिया। सामाजिक मुद्दों के प्रति ध्यान केंद्रित किया।महिलाओं की शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया और बाल विवाह का विरोध किया।
*12 नवम्बर, 1946 को निधन हो गया*
📕📕📕*मुहम्मद अली जिन्ना*📚
पूरा नाम::
मुहम्मद अली जिन्ना
जन्म::25 दिसंबर, 1876
जन्म भूमि;:
कराची, ब्रिटिश भारत
मृत्यु::11 सितंबर 1948
मृत्यु स्थान::कराची, पाकिस्तान
धर्म::इस्लाम
शिक्षा;:
वकालत
संबंधित लेख::जिन्ना के चौदह सूत्र
पद::
*पाकिस्तान के पहले गवर्नर-जनरल*
*कार्यकाल*
14 अगस्त 1947 – 11 सितम्बर 1948
अन्य जानकारी::
मुहम्मद अली जिन्ना ने मुस्लिम लीग का गठन किया और 'क़ायदे आज़म' (महान नेता) के रूप में विख्यात हुए।
*ग़लत फ़हमी*
जिन्ना कहते थे कि दोनों समुदाय इकट्ठे हो जाएँ तो गोरों पर हिंदुस्तान से चले जाने के लिए अधिक दबाव डाला जा सकता है।
*जिन्ना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्थक थे,* परन्तु गांधीजी के असहयोग आंदोलन का *उन्होंने तीव्र विरोध* किया और इसी प्रश्न पर कांग्रेस से वह अलग हो गए।
*इसके बाद से उनके ऊपर हिन्दू राज्य की स्थापना के भय का भूत सवार हो गया।*
उन्हें यह ग़लत फ़हमी हो गई कि हिन्दू बहुल हिंदुस्तान में मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व कभी नहीं मिल सकेगा।
*सो वह एक नए राष्ट्र पाकिस्तान की स्थापना के घोर समर्थक और प्रचारक बन गए।*
उनका कहना था कि अंग्रेज़ लोग जब भी सत्ता का हस्तांतरण करें, उन्हें उसे हिन्दुओं के हाथ में न सौंपें, हालाँकि वह बहुमत में हैं।
ऐसा करने से भारतीय मुसलमानों को हिन्दुओं की अधीनता में रहना पड़ेगा। जिन्ना अब भारतीयों की स्वतंत्रता के अधिकार के बजाए मुसलमानों के अधिकारों पर अधिक ज़ोर देने लगे। उन्हें अंग्रेज़ों का सामान्य कूटनीतिक समर्थन मिलता रहा और इसके फलस्वरूप वे अंत में भारतीय मुसलमानों के नेता के रूप में देश की राजनीति में उभड़े।
*कश्मीर मुद्दा तथा मृत्यु*
मुहम्मद अली जिन्ना ने लीग का पुनर्गठन किया और 'क़ायदे आज़म' (महान नेता) के रूप में विख्यात हुए।
*1940 ई. में उन्होंने धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन तथा मुसलिम बहुसंख्यक प्रान्तों को मिलाकर पाकिस्तान बनाने की मांग की।*
बहुत कुछ उन्हीं वजह से 1947 ई. में *भारत का विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना हुई।*
*पाकिस्तान के पहले गवर्नर-जनरल बनकर उन्होंने पाकिस्तान को एक इस्लामी राष्ट्र बनाया।*
पंजाब के दंगे तथा सामूहिक रूप से जनता का एक राज्य से दूसरे राज्य को निगर्मन उन्हीं के जीवनकाल में हुआ।
*भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का मुद्दा भी उन्होंने ही खड़ा किया*
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