ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 27 दिसंबर वर्ष का 361 वाँ (लीप वर्ष में यह 362 वाँ) दिन है। साल में अभी और 4 दिन शेष हैं।
*27 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ*
1945 - वैश्विक अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने के लिए विश्व बैंक की स्थापना की गई।
1979 - अफ़ग़ानिस्तान ने राजनीतिक परिवर्तन एवं हफीजुल्लाह अमीन की सैनिक क्रान्ति में हत्या।
1998 - चीन के परमाणु कार्यक्रम के जनक वांगकान धांग का निधन।
2000 - आस्ट्रेलिया में विवाह पूर्व संबंधों को क़ानूनी मान्यता।
2001 - भारत-पाक युद्ध रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका व रूस सक्रिय; लश्कर-ए-तोइबा ने अब्दुल वाहिद कश्मीरी को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया; संयुक्त राष्ट्र ने पाक आतंकवादी संगठन 'उम्मा-ए-तामीर ए बो' के खाते सील करने के आदेश दिये।
2002 - 'ईव' नामक पहले मानव क्लोन ने संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म लिया।
2004 - भारत ने तीसरे और अन्तिम वनडे में बांग्लादेश को हराकर शृंखला 2-1 से जीती।
2007 - रावलपिंडी के पास पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या।
2008 - वी. शान्ताराम पुरस्कार समारोह में तारे ज़मीं पर को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार मिला। आशा एण्ड कम्पनी का नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज किया गया।
*27 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति*
1797 - ग़ालिब - उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात कवि
1965 - सलमान ख़ान, बॉलीवुड अभिनेता
1927- नित्यानंद स्वामी, उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री
1942- लांस नायक अल्बर्ट एक्का, परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक
*27 दिसंबर को हुए निधन*
2013- फ़ारुख़ शेख़- बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता
*अल्बर्ट एक्का*
🇮🇳🇮🇳
पूरा नाम::
लांस नायक अल्बर्ट एक्का
जन्म::27 दिसम्बर, 1942
जन्म भूमि::जरी गांव, गुमला ज़िला, झारखंड (तत्कालीन बिहार)
मृत्यु::3 दिसम्बर, 1971
मृत्यु स्थान::गंगासागर, बांग्लादेश
अभिभावक::
जूलियस एक्का और मरियम एक्का
कर्म-क्षेत्र::भारतीय सैनिक
*पुरस्कार-उपाधि::परमवीर चक्र*
नागरिकता::भारतीय
रैंक::लांस नायक
अन्य जानकारी:: *एल्बर्ट एक अच्छे योद्धा तो थे ही, यह हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे।*
*इनके अनुशासन का ही प्रभाव था कि ट्रेनिंग के ही दौरान एल्बर्ट एक्का को लांस नायक बना दिया गया था।*
*1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में दुश्मनों के दाँत खट्टे करते हुए वह शहीद हो गए।*
इन्हें *मरणोपरान्त सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र प्रदान किया गया*।
*वे एकमात्र बिहारी थे,*जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
*जीवन परिचय*
अलबर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था।
उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माँ का नाम मरियम एक्का था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी. सी. स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी।
इनका जन्म स्थल जरी गांव चैनपुर तहसील में पड़ने वाला एक आदिवासी क्षेत्र है जो झारखण्ड राज्य का हिस्सा है।
*एल्बर्ट की दिली इच्छा फौज में जाने की थी, जो दिसंबर 1962 को पूरी हुई।*उन्होंने फौज में बिहार रेजिमेंट से अपना कार्य शुरू किया। बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब एल्बर्ट अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ स्थानांतरित कर किए गए।
एल्बर्ट एक अच्छे योद्धा तो थे ही, यह हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे। इनके अनुशासन का ही प्रभाव था कि ट्रेनिंग के ही दौरान एल्बर्ट एक्का को लांस नायक बना दिया गया था।
📕📕*भारत-पाकिस्तान युद्ध*📚📚📚
*मुख्य लेख : भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971)*
पाकिस्तान की यह 1971 की लड़ाई, जिसमें पाकिस्तान ने अपना पूर्वी हिस्सा गँवाया, पाकिस्तान की आंतरिक समस्या का नतीजा थी
*भारत के विभाजन से बंगाल का पूर्वी हिस्सा पाकिस्तान में चला गया था जो पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था।* पूर्वी पाकिस्तान, जाहिर है बांग्ला बहुत क्षेत्र था, जबकि पाकिस्तान में मुस्लिम बहुत उर्दू भाषी सत्तारूढ़ थे। और उनकी सत्ता का केन्द्र पश्चिमी पाकिस्तान में था।
इस स्थिति के कारण पूर्वी पाकिस्तान सत्ता की ओर से अमानवीय और पक्षपात पूर्व व्यवहार का शिकार हो रहा है।
*ऐसी परिस्थिति में जब 7 दिसम्बर 1970 के चुनावों में पूर्वी पाकिस्तान की पार्टी अवामी लीग के नेता शेख नुजीबुर्रहमान को भारी बहुमन मिला तो पश्चिम की सत्ता हिल गई।*
तत्कालीन प्रधानमंत्री भुट्टो और याहया खान इस नतीजे के लिए कतई तैयार नहीं थे। इन्होंने संसद का गठन रोककर अपना स्पष्ट इरादा जाहिर कर दिया कि वह इस चुनाव परिणाम को मान्यता नहीं देने वाले हैं।
पूर्वी पाकिस्तान के लिए असहनीय था। वहाँ इस बात को लेकर इन्होंने संसद का गठन रोककर अपना स्पष्ट इरादा जाहिर कर दिया कि वह इस चुनाव परिणाम को मान्यता नहीं देने वाले हैं।
पूर्वी पाकिस्तान के लिए असहनीय था। वहाँ इस बात को लेकर आंदोलन छिड़ गया जिसमें छात्र, नागरिक तथा सभी सरकारी, गैर सरकारी विभाग आकर जुड़ गए।
यह आंदोलन पश्चिमी पाकिस्तान के लिए चुनौती बन गया।
*भुट्टो और याहया खान ने इसे दबाने के लिए जबरदस्त दमन चक्र चलाया जिसका नायक टिक्का खान को बनाया गया।*
लेफ्टिनेंट जनरल टिक्का खान की छवि एक बर्बर फौजी की थी, जिसने पूर्वी क्षेत्र के नागरिकों पर इतनी अमानवीय और निर्मम कार्यवाही की, कि वह सारे वहाँ से भागकर भारत आ पहुँचे।
*देखते देखते भारत में लाखों की तादाद में बांग्ला भाषी, पूर्वी पाकिस्तानी भर गए, जिनकी व्यवस्था करना भारत के लिए भारी पड़ने लगा।* भारत ने पाकिस्तान से इस बारे में बात की लेकिन पाकिस्तान ने अपना हाथ झाड़ लिया।
उसने कहा कि शरणार्थियों ने निपटना भारत की अपनी समस्या है। फिर तो भारत को युद्ध में उतरना ही था।
*3 दिसम्बर 1971 को युद्ध की स्थिति बनी और 17 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान ने पराजय का मुँह देखा और वह टूट कर दो हिस्से हो गया जिसमें एक नवोदित राष्ट्र बांग्लादेश* कहलाया।
*इस युद्ध में जिन वीरों का विशेष योगदान है, उनमें लांस नायक एल्बर्ट एक्का का नाम भी सम्मान पूर्वक दर्ज है!!!*
नित्यानंद स्वामी (राजनीतिज्ञ)*
पूरा नाम::नित्यानंद स्वामी
जन्म::27 दिसम्बर 1927
जन्म भूमि::नारनौल, हरियाणा
मृत्यु::12 दिसम्बर, 2012
मृत्यु स्थान::देहरादून, उत्तराखंड
पति/पत्नी::चंद्रकांता
संतान::चार पुत्रियां
नागरिकता::भारतीय
पार्टी;:कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी
*पद::उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री*
कार्य काल::9 नवंबर 2000 से 29 अक्टूबर 2001
*नित्यानंद Nityanand Swami, जन्म: 27 दिसम्बर 1927 - मृत्यु: 12 दिसम्बर, 2012) उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता थे।*
*जीवन परिचय*
27 दिसंबर 1927 को नारनौल हरियाणा में जन्मे नित्यानंद स्वामी का अधिकांश जीवन देहरादून में ही बीता।
उनके पिता वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में तैनात थे। उनका विवाह चंद्रकांता से हुआ, दोनों की चार पुत्रियां हैं।
दिवंगत स्वामी एक कुशल व्यक्तित्व के धनी थे।
*यही कारण रहा कि उन्हें 1950 में डीएवी कालेज के अध्यक्ष चुने गए।*
50-60 के दशक में वह जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे और विभिन्न मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष भी रहे।
*उन्होंने वकालत को अपना पेशा बनाया। शुरुआत में वह कांग्रेस से जुड़े रहे और बाद में भाजपा से जुड़ गए।*
परिवार
नित्यानंद स्वामी की चार बेटियां हैं। दो बेटियों की शादी एक ही घर में हुई है। ये बेटियां देहरादून के कांवली रोड स्थित आवास पर रहती हैं। नित्यानंद स्वामी भी अपनी इन्हीं दो बेटियों के साथ रहते थे।
*राजनीतिक सफ़र*
*जब 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को अलग किया गया*तो उस वक्त भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी।
संवैधानिक प्रक्रिया के तहत भारतीय जनता पार्टी के ही किसी वरिष्ठ नेता को अगले चुनाव तक मुख्यमंत्री बनाया जाना था।
*इसी क्रम में सबसे ऊपर नाम था नित्यानंद स्वामी का।*
नित्यानंद स्वामी उत्तराखंड के पहले मनोनित मुख्यमंत्री बने। 9 नंबवर 2000 से 29 अक्टूबर 2001 तक वे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
*उनका कुल कार्यकाल 11 महीने 20 दिन रहा।*
इससे पहले वह वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के उपसभापति रहे और 1992 में सभापति बने।
सक्रिय राजनीतिक जीवन के आरंभ में दिवंगत स्वामी वर्ष 1969 में अविभाजित उत्तर प्रदेश राज्य में देहरादून विधानसभा क्षेत्र से विधान परिषद से सदस्य निर्वाचित हुए।
*निधन*
12 दिसम्बर 2012, बुधवार को सुबह सीएमआई अस्पताल देहरादून में नौ बजकर 35 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
×वह 84 वर्ष के थे।*
मंगलवार रात को अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें सीएमआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जहां चिकित्सीय परीक्षण के लिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बुधवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया
*27 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ*
1945 - वैश्विक अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करने के लिए विश्व बैंक की स्थापना की गई।
1979 - अफ़ग़ानिस्तान ने राजनीतिक परिवर्तन एवं हफीजुल्लाह अमीन की सैनिक क्रान्ति में हत्या।
1998 - चीन के परमाणु कार्यक्रम के जनक वांगकान धांग का निधन।
2000 - आस्ट्रेलिया में विवाह पूर्व संबंधों को क़ानूनी मान्यता।
2001 - भारत-पाक युद्ध रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका व रूस सक्रिय; लश्कर-ए-तोइबा ने अब्दुल वाहिद कश्मीरी को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया; संयुक्त राष्ट्र ने पाक आतंकवादी संगठन 'उम्मा-ए-तामीर ए बो' के खाते सील करने के आदेश दिये।
2002 - 'ईव' नामक पहले मानव क्लोन ने संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्म लिया।
2004 - भारत ने तीसरे और अन्तिम वनडे में बांग्लादेश को हराकर शृंखला 2-1 से जीती।
2007 - रावलपिंडी के पास पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या।
2008 - वी. शान्ताराम पुरस्कार समारोह में तारे ज़मीं पर को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार मिला। आशा एण्ड कम्पनी का नाम लिम्का बुक आफ रिकार्ड में दर्ज किया गया।
*27 दिसंबर को जन्मे व्यक्ति*
1797 - ग़ालिब - उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात कवि
1965 - सलमान ख़ान, बॉलीवुड अभिनेता
1927- नित्यानंद स्वामी, उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री
1942- लांस नायक अल्बर्ट एक्का, परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक
*27 दिसंबर को हुए निधन*
2013- फ़ारुख़ शेख़- बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता
*अल्बर्ट एक्का*
🇮🇳🇮🇳
पूरा नाम::
लांस नायक अल्बर्ट एक्का
जन्म::27 दिसम्बर, 1942
जन्म भूमि::जरी गांव, गुमला ज़िला, झारखंड (तत्कालीन बिहार)
मृत्यु::3 दिसम्बर, 1971
मृत्यु स्थान::गंगासागर, बांग्लादेश
अभिभावक::
जूलियस एक्का और मरियम एक्का
कर्म-क्षेत्र::भारतीय सैनिक
*पुरस्कार-उपाधि::परमवीर चक्र*
नागरिकता::भारतीय
रैंक::लांस नायक
अन्य जानकारी:: *एल्बर्ट एक अच्छे योद्धा तो थे ही, यह हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे।*
*इनके अनुशासन का ही प्रभाव था कि ट्रेनिंग के ही दौरान एल्बर्ट एक्का को लांस नायक बना दिया गया था।*
*1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में दुश्मनों के दाँत खट्टे करते हुए वह शहीद हो गए।*
इन्हें *मरणोपरान्त सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र प्रदान किया गया*।
*वे एकमात्र बिहारी थे,*जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
*जीवन परिचय*
अलबर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था।
उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माँ का नाम मरियम एक्का था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा सी. सी. स्कूल पटराटोली से की थी और माध्यमिक परीक्षा भिखमपुर मिडल स्कूल से पास की थी।
इनका जन्म स्थल जरी गांव चैनपुर तहसील में पड़ने वाला एक आदिवासी क्षेत्र है जो झारखण्ड राज्य का हिस्सा है।
*एल्बर्ट की दिली इच्छा फौज में जाने की थी, जो दिसंबर 1962 को पूरी हुई।*उन्होंने फौज में बिहार रेजिमेंट से अपना कार्य शुरू किया। बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब एल्बर्ट अपने कुछ साथियों के साथ वहाँ स्थानांतरित कर किए गए।
एल्बर्ट एक अच्छे योद्धा तो थे ही, यह हॉकी के भी अच्छे खिलाड़ी थे। इनके अनुशासन का ही प्रभाव था कि ट्रेनिंग के ही दौरान एल्बर्ट एक्का को लांस नायक बना दिया गया था।
📕📕*भारत-पाकिस्तान युद्ध*📚📚📚
*मुख्य लेख : भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971)*
पाकिस्तान की यह 1971 की लड़ाई, जिसमें पाकिस्तान ने अपना पूर्वी हिस्सा गँवाया, पाकिस्तान की आंतरिक समस्या का नतीजा थी
*भारत के विभाजन से बंगाल का पूर्वी हिस्सा पाकिस्तान में चला गया था जो पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था।* पूर्वी पाकिस्तान, जाहिर है बांग्ला बहुत क्षेत्र था, जबकि पाकिस्तान में मुस्लिम बहुत उर्दू भाषी सत्तारूढ़ थे। और उनकी सत्ता का केन्द्र पश्चिमी पाकिस्तान में था।
इस स्थिति के कारण पूर्वी पाकिस्तान सत्ता की ओर से अमानवीय और पक्षपात पूर्व व्यवहार का शिकार हो रहा है।
*ऐसी परिस्थिति में जब 7 दिसम्बर 1970 के चुनावों में पूर्वी पाकिस्तान की पार्टी अवामी लीग के नेता शेख नुजीबुर्रहमान को भारी बहुमन मिला तो पश्चिम की सत्ता हिल गई।*
तत्कालीन प्रधानमंत्री भुट्टो और याहया खान इस नतीजे के लिए कतई तैयार नहीं थे। इन्होंने संसद का गठन रोककर अपना स्पष्ट इरादा जाहिर कर दिया कि वह इस चुनाव परिणाम को मान्यता नहीं देने वाले हैं।
पूर्वी पाकिस्तान के लिए असहनीय था। वहाँ इस बात को लेकर इन्होंने संसद का गठन रोककर अपना स्पष्ट इरादा जाहिर कर दिया कि वह इस चुनाव परिणाम को मान्यता नहीं देने वाले हैं।
पूर्वी पाकिस्तान के लिए असहनीय था। वहाँ इस बात को लेकर आंदोलन छिड़ गया जिसमें छात्र, नागरिक तथा सभी सरकारी, गैर सरकारी विभाग आकर जुड़ गए।
यह आंदोलन पश्चिमी पाकिस्तान के लिए चुनौती बन गया।
*भुट्टो और याहया खान ने इसे दबाने के लिए जबरदस्त दमन चक्र चलाया जिसका नायक टिक्का खान को बनाया गया।*
लेफ्टिनेंट जनरल टिक्का खान की छवि एक बर्बर फौजी की थी, जिसने पूर्वी क्षेत्र के नागरिकों पर इतनी अमानवीय और निर्मम कार्यवाही की, कि वह सारे वहाँ से भागकर भारत आ पहुँचे।
*देखते देखते भारत में लाखों की तादाद में बांग्ला भाषी, पूर्वी पाकिस्तानी भर गए, जिनकी व्यवस्था करना भारत के लिए भारी पड़ने लगा।* भारत ने पाकिस्तान से इस बारे में बात की लेकिन पाकिस्तान ने अपना हाथ झाड़ लिया।
उसने कहा कि शरणार्थियों ने निपटना भारत की अपनी समस्या है। फिर तो भारत को युद्ध में उतरना ही था।
*3 दिसम्बर 1971 को युद्ध की स्थिति बनी और 17 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान ने पराजय का मुँह देखा और वह टूट कर दो हिस्से हो गया जिसमें एक नवोदित राष्ट्र बांग्लादेश* कहलाया।
*इस युद्ध में जिन वीरों का विशेष योगदान है, उनमें लांस नायक एल्बर्ट एक्का का नाम भी सम्मान पूर्वक दर्ज है!!!*
नित्यानंद स्वामी (राजनीतिज्ञ)*
पूरा नाम::नित्यानंद स्वामी
जन्म::27 दिसम्बर 1927
जन्म भूमि::नारनौल, हरियाणा
मृत्यु::12 दिसम्बर, 2012
मृत्यु स्थान::देहरादून, उत्तराखंड
पति/पत्नी::चंद्रकांता
संतान::चार पुत्रियां
नागरिकता::भारतीय
पार्टी;:कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी
*पद::उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री*
कार्य काल::9 नवंबर 2000 से 29 अक्टूबर 2001
*नित्यानंद Nityanand Swami, जन्म: 27 दिसम्बर 1927 - मृत्यु: 12 दिसम्बर, 2012) उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता थे।*
*जीवन परिचय*
27 दिसंबर 1927 को नारनौल हरियाणा में जन्मे नित्यानंद स्वामी का अधिकांश जीवन देहरादून में ही बीता।
उनके पिता वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में तैनात थे। उनका विवाह चंद्रकांता से हुआ, दोनों की चार पुत्रियां हैं।
दिवंगत स्वामी एक कुशल व्यक्तित्व के धनी थे।
*यही कारण रहा कि उन्हें 1950 में डीएवी कालेज के अध्यक्ष चुने गए।*
50-60 के दशक में वह जनसंघ के सक्रिय कार्यकर्ता रहे और विभिन्न मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष भी रहे।
*उन्होंने वकालत को अपना पेशा बनाया। शुरुआत में वह कांग्रेस से जुड़े रहे और बाद में भाजपा से जुड़ गए।*
परिवार
नित्यानंद स्वामी की चार बेटियां हैं। दो बेटियों की शादी एक ही घर में हुई है। ये बेटियां देहरादून के कांवली रोड स्थित आवास पर रहती हैं। नित्यानंद स्वामी भी अपनी इन्हीं दो बेटियों के साथ रहते थे।
*राजनीतिक सफ़र*
*जब 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को अलग किया गया*तो उस वक्त भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी।
संवैधानिक प्रक्रिया के तहत भारतीय जनता पार्टी के ही किसी वरिष्ठ नेता को अगले चुनाव तक मुख्यमंत्री बनाया जाना था।
*इसी क्रम में सबसे ऊपर नाम था नित्यानंद स्वामी का।*
नित्यानंद स्वामी उत्तराखंड के पहले मनोनित मुख्यमंत्री बने। 9 नंबवर 2000 से 29 अक्टूबर 2001 तक वे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
*उनका कुल कार्यकाल 11 महीने 20 दिन रहा।*
इससे पहले वह वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के उपसभापति रहे और 1992 में सभापति बने।
सक्रिय राजनीतिक जीवन के आरंभ में दिवंगत स्वामी वर्ष 1969 में अविभाजित उत्तर प्रदेश राज्य में देहरादून विधानसभा क्षेत्र से विधान परिषद से सदस्य निर्वाचित हुए।
*निधन*
12 दिसम्बर 2012, बुधवार को सुबह सीएमआई अस्पताल देहरादून में नौ बजकर 35 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
×वह 84 वर्ष के थे।*
मंगलवार रात को अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें सीएमआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जहां चिकित्सीय परीक्षण के लिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बुधवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया
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