4 जनवरी की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
1998 - बांग्लादेश ने भारत को उल्फा महासचिव अनूप चेतिया को सौंपने से इन्कार किया।
1999 - मंगल ग्रह पर भाप का विश्लेषण करने हेतु अमेरिकी यान 'मार्स पौसर लैंडर प्रोब' का प्रस्थान।
2002 - ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भारत पहुँचे।
2004 - भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाक प्रधानमंत्री जमाली के बीच इस्लामाबाद में वार्ता आयोजित।
2006 - दुबई के शासक शेख़मकतूम बिन रशीद अल मकतूम का निधन।
2008-गुजरात में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी मंत्रीमण्डल में 18 नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी।अमेरिका ने श्रीलंका को सैन्य उपकरणों और सेवाओं की आपूर्ति पर रोक लगायी।
2009- पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने यूपीए से नाता तोड़ा।
2010- भारत में स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के आदेश पर शेयर बाज़ारों के खुलने का समय एक घंटा पहले सुबह 9 बजे कर दिया गया।
4 जनवरी को जन्मे व्यक्ति
1809 - लुई ब्रेल - नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण करने वाले प्रसिद्ध व्यक्ति
1924 - सेबास्तियन कप्पेन, धार्मिक विचारक
1925 - गोपाल दास नीरज- कवि
1931 - निरुपा रॉय अभिनेत्री
1965 - आदित्य पंचोली अभिनेता
1988 - नाबिला जमशेद, भारतीय लेखक
1925 - प्रदीप कुमार, हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता
1887 - लोचन प्रसाद पाण्डेय - प्रसिद्ध साहित्यकार, जिन्होंने हिन्दी एवं उड़िया, दोनों भाषाओं में काव्य रचनाएँ भी की हैं।
1952 - टी. एस. ठाकुर - वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, भारत के 43वें न्यायाधीश हैं।
4 जनवरी को हुए निधन
1931 - मोहम्मद अली - भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार और शिक्षाविद।
1994 - राहुल देव बर्मन (आर. डी. बर्मन) हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर संगीतकार
1983 - झाबरमल्ल शर्मा - राजस्थान के वयोवृद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासकार।
1905 - अयोध्याप्रसाद खत्री- खड़ी बोली के प्रसिद्ध कवि
4 जनवरी के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव
🖌📄*लुई ब्रेल दिवस*
✳लुई ब्रेल दिवस 4 जनवरी को लुई ब्रेल की याद में मनाया जाता है।
लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण किया था।
लुई ब्रेल की वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला।
सन 2009 में 4 जनवरी को जब लुई ब्रेल के जन्म को पूरे दो सौ वर्षों का समय पूरा हुआ तो लुई ब्रेल जन्म द्विशती के अवसर पर हमारे देश ने उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का प्रयास किया
जब इस अवसर पर उनके सम्मान में डाक टिकटजारी किया गया।
लुई ब्रेल
लुई ब्रेल (जन्म - 4 जनवरी 1809; मृत्यु - 6 जनवरी 1852) नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण करने के लिये प्रसिद्ध हैं।
ब्रेल लिपि के निर्माण से नेत्रहीनों के पढ़ने की कठिनाई को मिटाने वाले लुई स्वयं भी नेत्रहीन थे।
लुई ब्रेल का जन्म फ्रांस के छोटे से ग्राम कुप्रे में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था।
कालान्तर में स्वयं लुई ब्रेल ने आठ वर्षो के परिश्रम से ब्रेल लिपि में अनेक संशोधन किये और अंततः 1829 में छह बिन्दुओ पर आधारित ऐसी लिपि बनाने में सफल हुये।
लुई ब्रेल के वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला।
1837 में फ्रांस का सक्षिप्त इतिहास नामक पुस्तक भी ब्रेल लिपि में छापी गई थी, परन्तु फिर भी संसार ने इसे मान्यता देने में बहुत समय लगाया
सन 1854 में लुई ब्रेल की मृत्यु के दो वर्ष चश्चात् फ्रांसीसी सरकार ने इसे सरकारी मान्यता प्रदान की।
ब्रेल लिपि की असीम क्षमता और प्रबल प्रभाविकता के कारण सन् 1950 के विश्व ब्रेल सम्मेलन में ब्रेल को 'विश्व ब्रेल' का स्थान मिल गया।
सन 2009 में 4 जनवरी को जब लुई ब्रेल के जन्म को पूरे दो सौ वर्षों का समय पूरा हुआ तो लुई ब्रेल जन्म द्विशती के अवसर पर हमारे देश ने उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का प्रयास किया
1998 - बांग्लादेश ने भारत को उल्फा महासचिव अनूप चेतिया को सौंपने से इन्कार किया।
1999 - मंगल ग्रह पर भाप का विश्लेषण करने हेतु अमेरिकी यान 'मार्स पौसर लैंडर प्रोब' का प्रस्थान।
2002 - ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भारत पहुँचे।
2004 - भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाक प्रधानमंत्री जमाली के बीच इस्लामाबाद में वार्ता आयोजित।
2006 - दुबई के शासक शेख़मकतूम बिन रशीद अल मकतूम का निधन।
2008-गुजरात में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी मंत्रीमण्डल में 18 नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी।अमेरिका ने श्रीलंका को सैन्य उपकरणों और सेवाओं की आपूर्ति पर रोक लगायी।
2009- पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने यूपीए से नाता तोड़ा।
2010- भारत में स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के आदेश पर शेयर बाज़ारों के खुलने का समय एक घंटा पहले सुबह 9 बजे कर दिया गया।
4 जनवरी को जन्मे व्यक्ति
1809 - लुई ब्रेल - नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण करने वाले प्रसिद्ध व्यक्ति
1924 - सेबास्तियन कप्पेन, धार्मिक विचारक
1925 - गोपाल दास नीरज- कवि
1931 - निरुपा रॉय अभिनेत्री
1965 - आदित्य पंचोली अभिनेता
1988 - नाबिला जमशेद, भारतीय लेखक
1925 - प्रदीप कुमार, हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता
1887 - लोचन प्रसाद पाण्डेय - प्रसिद्ध साहित्यकार, जिन्होंने हिन्दी एवं उड़िया, दोनों भाषाओं में काव्य रचनाएँ भी की हैं।
1952 - टी. एस. ठाकुर - वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, भारत के 43वें न्यायाधीश हैं।
4 जनवरी को हुए निधन
1931 - मोहम्मद अली - भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार और शिक्षाविद।
1994 - राहुल देव बर्मन (आर. डी. बर्मन) हिन्दी फ़िल्मों के मशहूर संगीतकार
1983 - झाबरमल्ल शर्मा - राजस्थान के वयोवृद्ध साहित्यकार, पत्रकार एवं इतिहासकार।
1905 - अयोध्याप्रसाद खत्री- खड़ी बोली के प्रसिद्ध कवि
4 जनवरी के महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव
🖌📄*लुई ब्रेल दिवस*
✳लुई ब्रेल दिवस 4 जनवरी को लुई ब्रेल की याद में मनाया जाता है।
लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण किया था।
लुई ब्रेल की वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला।
सन 2009 में 4 जनवरी को जब लुई ब्रेल के जन्म को पूरे दो सौ वर्षों का समय पूरा हुआ तो लुई ब्रेल जन्म द्विशती के अवसर पर हमारे देश ने उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का प्रयास किया
जब इस अवसर पर उनके सम्मान में डाक टिकटजारी किया गया।
लुई ब्रेल
लुई ब्रेल (जन्म - 4 जनवरी 1809; मृत्यु - 6 जनवरी 1852) नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण करने के लिये प्रसिद्ध हैं।
ब्रेल लिपि के निर्माण से नेत्रहीनों के पढ़ने की कठिनाई को मिटाने वाले लुई स्वयं भी नेत्रहीन थे।
लुई ब्रेल का जन्म फ्रांस के छोटे से ग्राम कुप्रे में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था।
कालान्तर में स्वयं लुई ब्रेल ने आठ वर्षो के परिश्रम से ब्रेल लिपि में अनेक संशोधन किये और अंततः 1829 में छह बिन्दुओ पर आधारित ऐसी लिपि बनाने में सफल हुये।
लुई ब्रेल के वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला।
1837 में फ्रांस का सक्षिप्त इतिहास नामक पुस्तक भी ब्रेल लिपि में छापी गई थी, परन्तु फिर भी संसार ने इसे मान्यता देने में बहुत समय लगाया
सन 1854 में लुई ब्रेल की मृत्यु के दो वर्ष चश्चात् फ्रांसीसी सरकार ने इसे सरकारी मान्यता प्रदान की।
ब्रेल लिपि की असीम क्षमता और प्रबल प्रभाविकता के कारण सन् 1950 के विश्व ब्रेल सम्मेलन में ब्रेल को 'विश्व ब्रेल' का स्थान मिल गया।
सन 2009 में 4 जनवरी को जब लुई ब्रेल के जन्म को पूरे दो सौ वर्षों का समय पूरा हुआ तो लुई ब्रेल जन्म द्विशती के अवसर पर हमारे देश ने उन्हें पुनः पुर्नजीवित करने का प्रयास किया
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